रात में उस में खच्चर बांधी जाती, दिन मे हम लोग पढ़ते थे रात में उस में खच्चर बांधी जाती, दिन मे हम लोग पढ़ते थे
मैं बरातियों के खाने का प्रबंध कैसे करुंगा ? बादलों से आवाज़ आई - घास - पात से मूर्ख। मैं बरातियों के खाने का प्रबंध कैसे करुंगा ? बादलों से आवाज़ आई - घास - पात से मू...
मन में पछतावे का भाव, आज रोशन को सुकून की नींद दे रही थी। मन में पछतावे का भाव, आज रोशन को सुकून की नींद दे रही थी।
यह देख पहले के सचिव ने उसे एक सोने की छड़ी थमा दी और दूसरे का बेटा उसको अपने कंधे का सहारा दे कर ले च... यह देख पहले के सचिव ने उसे एक सोने की छड़ी थमा दी और दूसरे का बेटा उसको अपने कंधे...
प्रशांत जब कभी बहुत खुश होता , उसे कहीं सफलता मिलती या जब कभी भी निराशा हाथ लगती या वो प्रशांत जब कभी बहुत खुश होता , उसे कहीं सफलता मिलती या जब कभी भी निराशा हाथ लगती...
और वो भी मन्दिर के परिसर से होता हुआ सीधे पीछे वाले मैदान में। और वो भी मन्दिर के परिसर से होता हुआ सीधे पीछे वाले मैदान में।